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शुक्रवार, 2 सितंबर 2016

सही क्‍या? 84 लाख योनि‍यां या डार्वि‍न का वि‍कासवाद!

राहुल खटे, हुब्‍बल्‍ली                                       मोबाइल नं. 09483081656

आज के वैज्ञानि‍क युग में सभी डार्वि‍न के वि‍कासवाद से परि‍चि‍त हैं। डार्वि‍न ने अपने वि‍कासवादी वि‍चारधारा से यह सि‍द्ध करने की कोशि‍श की है कि‍ वि‍कास की बहुत बड़ी यात्रा को तय करके ही आज हम वैज्ञानि‍क या कंप्‍यूटर के युग में पहुँचे हैं। वि‍कासवाद के सभी लक्षण आधुनि‍क मनुष्‍य में दिखाई देते हैं।

इस अवधारणा के कारण ही सभी मानव अपने पूर्वजों को बंदर मानने के लि‍ए मजबूर हो गये हैं, लेकि‍न यह सिद्धांत क्‍या पूरी तरह से सही सि‍द्ध हो पाया है?, क्‍या इसे सभी वि‍चारधाराओंने स्‍वीकार कि‍या है? खासकर हमारी वैदि‍क और पौराणि‍क वि‍चारधार में। उत्तर है- नहीं। खासकर धार्मि‍क वि‍चारधारा को यह सि‍द्धांत एक चुनौती देता है। क्‍योंकि हमारी भारतीय वि‍चारधारा, जो अपने आप में एक वैज्ञानि‍क वि‍चारधारा है, को यह वि‍कासवाद का सि‍द्धांत चुनौती देता है। वि‍चारों के इस वैषम्‍य के कारण न तो वि‍कासवाद को पूरी तरह से मान्‍यता मि‍ली है और न ही धार्मि‍क वि‍श्‍वास को हम सि‍द्ध कर पाये हैं। धार्मि‍क मान्‍यता पर प्रश्‍न खड़ा करने के पक्ष में कुछ लोग दि‍खाई देते हैं। उनमें से कुछ लोग 84 लाख योनि‍यों के बाद मनुष्‍य जीवन/जन्म प्राप्‍ति‍ होने की मान्‍यता को पूरी तरह से अस्‍वीकार कर देते हैं। उनसे एक प्रश्‍न करना चाहि‍ए कि‍ यह 84 लाख योनि‍यां कौनसी हैं, जरा गि‍नकर तो बताए। जो लोग यह मानते है कि‍ 84 लाख योनि‍यों के बाद मनुष्‍य का जन्म होता है उन्‍हें भी इस बात का पता नहीं होता कि‍ 84 लाख योनि‍यों में कौनसी-कौनसी योनि‍यों का समावेश है। यहां पर जो 'योनि‍यां' शब्‍द आया है- वह पूर्णत: वैज्ञानिक है। जैसा कि‍ सभी को पता हैं सभी प्राणि‍यों का जन्‍म मादा के जीस अंग से होता है उसे हम आमतौर पर 'योनी' कहते हैं। इसका मतलब 84 प्रकार की योनि‍यों से है और प्रत्‍येक जीव/प्राणी की योनी अलग-अलग होती है। इसका मतलब यह है कि‍ 84 प्रकार के जीव-जंतु-प्राणि‍यो-प्रजाति‍यों में जीवन व्‍यतीत करने बाद हमें मनुष्‍य जीवन प्राप्‍त हुआ है, यह वि‍चार वि‍कासवाद के सि‍द्धांत को पूर्णत: सि‍द्ध करता है।

84 लाख योनि‍यों के बाद मनुष्‍य का जन्म प्राप्‍त हुआ है या नहीं या समझने के लि‍ए सबसे पहले हमें यह जानना अथवा यह गि‍नना आवश्‍यक है कि‍ वह 84 लाख योनि‍यां आखि‍र है कौनसी, जि‍नके बाद मनुष्‍य योनी प्राप्‍त होनी की बात कही गर्इ है। 84 लाख योनि‍यों में 21 लाख जारज (जरायुज), 21 लाख अंडज, 21 लाख स्‍वेदज और 21 लाख उद्भीज योनि‍यां हैं।

जो लोग यह नहीं मानते कि‍ 84 लाख योनि‍यों में उपरोक्त चार प्रकार के जीवों/प्रताति‍यों का समावेश है, वे स्‍वाभावि‍क ही इस सि‍द्धांत का वि‍रोध ही करेंगे लेकिन यदि‍ हम चारों प्रकार की योनि‍यों (प्रजाति‍यों) को एक सूत्र के साथ जोड़ कर देखें तो एक वि‍कासवादी कड़ी बनेगी जो दूसरा-ति‍सरा कुछ न होकर डार्वि‍न के वि‍कासवाद के सि‍द्धांत का ही रूप होगा।

दरअसल डार्वि‍न का वि‍कासवाद 84 लाख योनि‍यों के सि‍द्धांत की ही पुष्‍टी करता है। यदि‍ वि‍कासवादी पूर्नजन्‍म और पूनर्जन्‍म के सि‍द्धांत को मान ले तो उन्‍हें 84 लाख योनि‍यों के बाद मनुष्‍य योनी प्राप्‍त होने की बात अपने आप ही सि‍द्ध होती है।

गर्भवि‍ज्ञान के अनुसार गर्भवि‍कास का क्रम देखने से पता चलता है कि‍ मनुष्‍य जीव सबसे पहले एक बिंदूरूप होता है, जैसे कि‍ समुद्र के एककोशीय जीव। वही एक कोशीय जीव बाद में बहुकोशीय जीवों मे परि‍वर्ति‍त होते है अर्थात उनका वि‍कास होता हैं। स्त्री के गर्भावस्‍था का अध्‍ययन कि‍या जाए तो जंतुरूप जीव ही स्‍वेदज, जरायुज,अंडज, और उद्भीज जावों मे परीवर्तीत होकर मनुष्‍य शरीर धारण करता है। इसमें स्‍पष्‍ट रूप से डार्वि‍न का वि‍कासवाद दि‍खाई देता है अर्थात 84 लाख योनि‍यों के सि‍द्धांत को स्‍वयं डार्वि‍न का वि‍कासवाद स्‍वयं ही सि‍द्ध कर रहा है। सामान्‍यत: 9 महि‍ने और 9 दि‍नों के वि‍कास के बाद जन्‍म प्राप्‍त करने वाला बालक उन सभी शरीर के आकारों को ग्रहण करता है जो इस सृष्‍टी में पाये जाते है। सांतवे माह में तो उसकी छोटीसी पुँछ भी होती है, जो यह सि‍द्ध करती है कि‍, वह जीव(भूण) कभी न कभी पुँछ रखने वाले बंदरों के जीवों से वि‍कास होकर गुजर रहा हैं।

अब बात करते हैं जन्म के बाद की अवस्‍थाओं की जन्‍म के बाद मानव का बच्‍चा कि‍सी पृष्ठवंशीय जीव की तरह अपने पीठ के बल पड़ा रहता है, बाद में छाती के बल सोता है, बाद में वह अपनी गर्दन वैसे ही उपर उठाने लगता है जैसे कि‍ सरीसृप जीव और बाद की अवस्‍था में वह अपनी छाती के बल पर रेंगना शुरू करता है। बाद में वह घुंटनों के बल चलता है जैसे कि‍ अन्‍य जीव और बाद में वि‍कास की यात्रा करते हुए उठने की कोशि‍श करता है, गि‍रता है, और उठता है, और लडंखड़ाते हुए चलना शुरू करता है जैसे अन्‍य जीव और धीरे-धीरे कदम बढाता है और बाद में दोनों पैरों पर संतुलन बनाते हुए चलना प्रारंभ करता है। बाद में तेज़ दौडता है और उसके बाद मैराथौन की दौड़ में सम्‍मि‍लि‍त होता है। इन सभी क्रि‍याओं में स्‍पष्‍ट रूप से वि‍कासवाद की छाया दि‍खाई देती है। यदि‍ मनुष्‍य प्राणी का अन्‍य जावों की प्रजाति‍यों से संबंध नहीं होता तो वह जन्‍म से सीधे की दौड़ना शुरू करता है लेकि‍न ऐसा नहीं होता सभी क्रि‍याऐं क्रमि‍क विकास के बाद दि‍खाई देती हैं। इन सभी क्रि‍याओं में उसके पूर्वजन्‍म के संस्‍कार दि‍खाई देते हैं। भय, आक्रामकता, चि‍ल्‍लाना, अपने नाखुनों से खरोचना आदि‍ क्रि‍याएं जानवरों की है, जो वह मनुष्‍य को जन्‍म से प्राप्‍त करता है।

समस्‍या केवल पूर्वजन्‍मों के संस्‍कारों को न मानने के कारण आती है। यदि‍ विज्ञानवादी इस बात को मान लें और इस बात को सि‍द्ध कर दि‍या जाए कि‍ आपको जो जन्‍म मि‍ला है वह केवल आपके पूर्वजन्‍म के कर्म संस्‍कारों और पात्रता के कारण मि‍ला है तो यह समस्‍या का समाधान हो सकता है। कि‍सी व्‍यक्‍ति‍ को पुँछा जाए कि‍ उसका जन्‍म कि‍सी वि‍शेष घर में क्‍यों हुआ तो उसका कोई उत्तर नहीं दे पाएगा। मगर क्‍या ऐसा हो सकता है कि‍ इतनी बड़ी क्रि‍या संयोगमात्र से हुई है। जी नहीं !

वि‍ज्ञान यह कहता है कि‍ प्रत्‍येक क्रि‍या की एक प्रति‍क्रि‍या होती है और कारण भी। यदि‍ हम दर्शनशास्‍त्र को आधार माने तो हमारे पूर्वजन्‍मों के संस्‍कार ही कैरी-फॉरवर्ड होते हैं। वि‍ज्ञानवादी यदि‍ पूर्वजन्‍म और पूनर्जन्‍म के सि‍द्धांत को मान ले तो यह प्रश्‍न मि‍ट जाता है।

इसमें यह तर्क दि‍या जाता है कि‍ यदि‍ हमारा पूर्वजन्‍म रहा भी होगा तो वह हमें यह याद क्‍यों नहीं रहता है। इसके लि‍ए हमें स्‍मरणशास्‍त्र को समझना होगा। हमारे दि‍माग में स्‍मरण की कई सारी फाइल एकत्रीत होती रहती है, जो आवश्‍यक नहीं है वह फाइलें अपने आप ही मि‍टती चली जाती हैं। यदि‍ आपको यह पुँछा जाए कि‍ पि‍छले सप्‍ताह के सोमवार को सुबह 11 बजे आपने कौनसे रंग के कपडे़ पहने थें, तो आप आसानी से नहीं बता पाऐंगें। आपको उसे याद करने के लि‍ए आपकी स्‍मरणशक्ति‍ पर जोर देना पड़ेगा। आपको यदि‍ रचनाबद्ध तरि‍के से यह बताया गया कि‍ आप कल कहा थें, परसों क्या पहना था, कहां गये थें तो हो सकता है कि‍ आपको धीरे-धीरे सब याद आता जाएगा। इसी को आधार माना जाए तो हो सकता हैं कि‍ कि‍सी वि‍शेष क्रि‍या के द्वारा आप अपने पूर्वजन्‍म को भी याद कर लें और आपको अपने पूर्वजन्‍म की सभी बाते याद आ जाए।

हमने यदि‍ डार्वि‍न के वि‍कासवाद को भारतीय दर्शनशास्‍त्र की वि‍चारधारा के साथ जोड़कर देखा तो हम पाऐंगे कि‍ दोनों एक दुसरे के पूरक है लेकि‍न वि‍ज्ञानवादी आध्‍यात्‍मवाद को नहीं मानते और अध्‍यात्‍मवादी वि‍ज्ञानवादि‍यों को मुर्ख समझते है, इसलि‍ए यह एक यक्षप्रश्‍न बना हुआ है। इसका एक ही उपाय है, वि‍ज्ञानवादी आध्‍यात्‍मवादी बनें और अध्‍यात्‍मवादी वि‍ज्ञान को समझने की कोशिश करें। दर असल अध्‍यात्‍मवादी सभी प्रकार के ज्ञान-वि‍ज्ञान की शाखाओं को एकसाथ समझने की कोशि‍श करता है। दुनि‍या को केवल भौति‍कशास्‍त्र की नज़रि‍ए से देखने से प्रश्‍नों के उत्‍तर नहीं मि‍ल पाऐंगे। भारतीय दर्शनशास्‍त्र में भौति‍कशास्‍त्र, रसासनशास्‍त्र, वनस्‍पति‍शास्‍त्र, कृषि‍शास्‍त्र, पर्यावरण वि‍ज्ञान, जीवशास्‍त्र, भूगोल, इति‍हास और अन्‍य वि‍षयों को एकसाथ पढने की कोशि‍श की गई हैं, इसलि‍ए वह परि‍पूर्ण शास्‍त्र है, ऐकांगी नहीं है।

यदि‍ एक अंधेरे कमरे में एक हाथी को बांध कर रख दि‍या और उसमे ऐसे पॉंच लोगों को भेजा जि‍न्‍होंने अपने जीवन में कभी हाथी को देखा ही नहीं था। तो जि‍स व्‍यक्‍ति‍ के हाथ में हाथी की पूँछ आ गई वह कहेगा कि‍ हाथी तो रस्‍सी की तरह होता है, दूसरा व्‍यक्‍ति‍ जि‍सके हाथ हाथी के पेट को लगा वह कहेगा हाथी तो कि‍सी बड़े ढोल की तरह होता है, जि‍स व्‍यक्‍ति‍ ने हाथी के पैरों को स्पर्श कि‍या वह कहेगा कि‍ हाथी तो कि‍सी पेड़ के तने के जैसा होता है और जि‍सने हाथी की सुंड को स्‍पर्श कि‍या वह कहेगा कि‍ हाथी तो कि‍सी पाइप की तरह होता है। इस प्रकार भि‍न्‍न- भि‍न्‍न वि‍चार बनेगें और वह आपकी बात तब-तक नहीं मानेंगे जब तक आप उसे हाथी को उजाले में लाकर नहीं दि‍खाते है। पूरा हाथी अपनी ऑंखों से देखने के बाद ही उन्‍हें वि‍श्‍वास होगा कि‍, हाथी कि‍तना बड़ा और वि‍शाल होता है। ऐसी ही स्‍थि‍ति‍ हमारे ज्ञान-वि‍ज्ञान की शाखाओं की हो गई है। जो व्‍यक्‍ति‍ केवल भौति‍कशास्‍त्र में बी.एस करता है, उसे पर्यावरण वि‍ज्ञान की जानकारी नहीं होती है। जो केवल गणि‍त को पढता है वह जीवशास्‍त्र के सि‍द्धांत को भुल जाता है और जो केवल जीवशास्‍त्र में शोध करता है, वह अपने भूगोल से अनभि‍ज्ञ रह जाता है। प्राचीन अध्‍ययन पद्धति‍ में यह सभी वि‍षय एक साथ पढाए जाते थें इसलि‍ए वैदि‍क वि‍चारधारा में पर्यावरण अध्‍ययन पर वि‍शेष ध्‍यान दि‍या जाता था। जि‍ससे ज्ञान सर्वागीण होता था। आज वि‍भि‍न्‍न वि‍षय शालेय स्‍तर पर तो पढाए जाते हैं लेकि‍न जैसे-जैसे महावि‍द्यालयीन और वि‍श्‍ववि‍द्यालयीन पढ़ाई की ओर बढते हैं, हम इन सभी वि‍षयों के तुलनात्‍मक और समग्र अध्‍ययन पर ध्‍यान नहीं देते हैं। इसलि‍ए हमारी मान्‍यताऐं अधुरी रह जाती है।

खैर, हमारी मूल बात पर आते हैं जि‍समे हमने यह माना था, कि‍ मनुष्‍य का जन्‍म 84 लाख योनि‍यों के बाद होता है, जो पुर्णत: वैज्ञानि‍क धारणा है। मेरे वि‍चार से मनुष्‍य भी सभी जीव-जंतुओं, प्राणी-प्रजाति‍यों के जीवन का सफर तय करने के बाद मनुष्‍य बना है यही वि‍चार सर्वथा वि‍ज्ञानसम्‍मत है।

अधि‍क जानकारी के लि‍ए आचार्य रामचंद्र शुक्‍ल की रचना वि‍श्‍वप्रपंच पढें ==बाहरी कड़ियाँ==http://www.hindisamay.com/Alochana/shukl%20granthavali6/bhag%201.htm                                             (यह लेख राहुल खटे द्वारा लि‍खा गया मौलि‍क लेख है)

बुधवार, 31 अगस्त 2016

हिंदी दिवस के अवसर पर हिंदी पोस्टर का प्रसार

केंद्र सरकार के सभी कार्यालयों, उपक्रमों, बैंकों में 1 सितंबर से 30 सितंबर तक हिंदी दिवस, सप्ताह, पखवाड़ा, माह मनाया जाता है। इस अवसर पर भारतीय महान विचारकों के हिंदी के बारे में व्यक्त विचारों को प्रदर्शित करने वाले पोस्टरों को हिंदी दिवस के अवसर पर छपवाकर अपने कार्यालय की शाखा/कार्यालयों के नाम से प्रचारित किया जा सकता है।

शुक्रवार, 19 अगस्त 2016

विज्ञान लेखकः गुणाकर मुळे, अमरावती(महाराष्ट्र)

गुणाकर मुळे अमरावती (महाराष्‍ट्र) के वि‍ज्ञान लेखक है जि‍न्‍होेेेंने वि‍ज्ञान की पुस्‍तकें हिंदी मे लि‍खी हैं ।
ब्रह्माण्ड परिचय, आकाश दर्शन, अंतरिक्ष यात्रा, नक्षत्रलोक, सूर्य,  कंप्यूटर क्या है?, भारतीय अंकपद्धति की कहानी, भारतीय विज्ञान की कहानी, आपेक्षिकता सिद्धान्त क्या है?, संसार के महान गणितज्ञ, महान वैज्ञानिक, केपलर, अक्षरों की कहानी, आंखों की कहानी, गणित की पहेलियाँ, ज्यामिति की कहानी, लिपियों की कहानी
1 से 30 सितंबर तक सभी केंद्रीय कार्यालयों में हिंदी दिवस मनाया जाएगा, जिसमें हिंदी प्रतियोगिताओ के विजेताओं को डॉ अब्दुल कलाम जी की हिंदी पुस्तकों को पुरस्कार के रूप में वितरित किया जा सकता हैं, इससे हिंदी के साथ साथ विज्ञान प्रसार में हिंदी का योगदान मिलेगा और डॉ. अब्दुल कलामजी को सच्ची श्रद्धांजली भी दे सकते हैं।

लिंक: http://rajkamalprakashan.com/default/antariksha-yatra

मंगलवार, 9 अगस्त 2016

ज्ञान-वि‍ज्ञान की हिंदी में उपलब्‍ध पुस्‍तकों का संग्रह

ज्ञान-वि‍ज्ञान की पुस्‍तकों को इस लिंक के द्वारा प्राप्‍त कि‍या जा सकता है। लिंक: http://pdfbooks.ourhindi.com/p/list-of-knowledge-books.html?vpage=5

हिंदी में वि‍ज्ञान पुस्‍तकें

हि‍ंदी में उपलब्‍ध वि‍ज्ञान की पुस्‍तकें जि‍न्‍हें इस लिंक पर देखा जा सकता हैं।
https://plus.google.com/collection/si3DbB

हिंदी में उपलब्‍ध विज्ञान की पुस्‍तकें (भाग 3)

हिंदी में उपलब्‍ध विज्ञान की पुस्‍तकें जि‍न्‍हें https://plus.google.com/collection/EcgYbB
पर देखा जा सकता है और http://www.amazon.in/s/ref=sr_nr_n_15?fst=as%3Aoff&rh=n%3A976389031%2Cn%3A1318203031%2Ck%3AScience+%28Hindi%29&keywords=Science+%28Hindi%29&ie=UTF8&qid=1470732927&rnid=976390031 लिंक से प्राप्‍त कि‍या जा सकता है।

सोमवार, 8 अगस्त 2016

वैज्ञानि‍क एवं तकनीकी वि‍षयों की शब्‍दावलि‍यॉं और कोश

1.समेकित प्रशासन–शब्दावली
2.अखिल भारतीय शब्दावली रसायन विज्ञान
3.अखिल भारतीय शब्दावली खगोलिकी
4.अखिल भारतीय शब्दावली गणित
5.अखिल भारतीय शब्दावली प्राणिविज्ञान
6.अखिल भारतीय शब्दावली भूगोल
7.अखिल भारतीय शब्दावली जीवविज्ञान
8.धातुकर्म परिभाषा कोश
9.पेट्रोलियम प्रौद्योगिकी परिभाषा कोश
10.विद्युत इंजीनियरी परिभाषा कोश
11.अंतर्राष्ट्रीय विधि परिभाषा कोश
12.पर्यावरण विज्ञान शब्द–संग्रह
13.रसायन शब्द–संग्रहवनस्पति विज्ञान शब्द- संग्रह
14.गणित शब्द–संग्रह
15.जलवायु विज्ञान शब्दावली
16.यांत्रिक इंजीनियरी परिभाषा कोश
17.मृदा विज्ञान परिभाषा कोश
18.मानचित्रविज्ञान परिभाषा कोश
19.वाणिज्य शब्दावली
20.भूभौतिकी शब्दावली
21.सूत्रकृमिविज्ञान परिभाषा-कोश
22.पादप रोग विज्ञान परिभाषा-कोश
23.पादप आनुवंशिकी परिभाषा-कोश
24.सामान्य भूविज्ञान शब्दावली
25.भारतीय दर्शन परिभाषा कोश
26.भारतीय दर्शन परिभाषा कोश
27.कोशिका जैविकी परिभाषा-कोश
28.भूविज्ञान परिभाषा-कोश
29.भारतीय दर्शन परिभाषा कोश
30.भौतिकी परिभाषा-कोश
31.प्राणिविज्ञान परिभाषा-कोश
32.भाषाविज्ञान शब्दावली
33.रासायनिक इंजीनियरी शब्द–संग्रह
34.गुणता- नियंत्रण शब्दावली
35.संरचनात्मक भूविज्ञान एवं विवर्तनिकी शब्द–संग्रह
36.वनस्पति विज्ञान परिभाषा-कोश
37.भौतिकी शब्द संग्रह
38.बृहत् पारिभाषिक शब्द - संग्रह: आयुर्विज्ञान, भेषज विज्ञान एवं शारीरिक नृविज्ञान
39.बृहत् पारिभाषिक शब्द - संग्रह: आयुर्विज्ञान, कृषि एवं इंजीनियरी
40.कंप्यूटर विज्ञान शब्दावली
41.बृहत् पारिभाषिक शब्द - संग्रह विज्ञान
42.बृहत् पारिभाषिक शब्द - संग्रह विज्ञान
43.अर्थशास्त्र परिभाषा कोश


हिंदी मे उपलब्‍ध वि‍ज्ञान की पुस्‍तकें (भाग-3)

1.क्लोरीनीकरण एवं क्लोरीनेटर्स के उपयोग, लेखक: पटवर्धन, आ. द., इंदौर: इंडियन वॉटर वर्क्स एसोशिएशन, 1989
2.फैरोसीमेंट भंडारण पात्र (पेयजल, बीज, खाद्यात्र, तिलहन, दलहन इत्यादि भंडारण के लिए) लेखक: शर्मा, प्रेमचंद, गाजियाबाद स्त्र्क्च्रल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, 1990
3.अखिल भारतीय संगोष्ठी, यांत्रिकीय विकास कार्यो का पर्यावरण पर प्रभाव, लेखक: दि इन्स्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), भोपाल, 1991
4.विज्ञान जन जन के लिए, 17, 18 सितम्बर 1992 को क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, भुवनेश्वर में आयोजित संगोष्ठी, लेखक: राजीव, भुवनेश्वर: राजभाषा कार्यान्वयन समिति, 1992
5.पर्यावरण एवं वन विकास, लेखक: मिश्रा, एस. पी. जयपुर: आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2001
6.पर्यावरण शिक्षा, लेखक: पाण्डेय, बी. बी., नई दिल्ली,,, डॉमिनेन्ट पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 1999
7.विषैली वनस्पतियां,  लेखक: आयुर्वेदालंकार, कृष्णकुमार, नई दिल्ली, श्री सरस्वती सदन, 2003
8.विश्व आयुर्विज्ञान का इतिहास, लेखक: मेहता, भानुशंकर., नई दिल्ली, विश्वभारती पब्लिकेशन्स, 2004
9.कुमाऊँ हिमालय का लोक वानस्पतिविज्ञान, लेखक: पाण्डे, पी. सी; पोखरिया, डी. एस; भट्ट, जे. सी. जोधपुर: साइंटिफिक पब्लिशर्स, 1999
10.जैव उर्वरक, लेखक: उत्पादन मार्गदर्शिका,  लेखक: गहलोत, दुष्यन्त,  जोधपुर, एग्रो बायोस, 2002
11.समाज, पर्यावरण और अभियांत्रिकी,  लेखक: गुप्ता, अरविन्द, नई दिल्ली, राजकमल प्रकाशन, 1999
12.जैव प्रौद्योगिकी का संसार,  लेखक: ओझा, डी. डी., नई दिल्ली, विद्या विहार, 2003
13.रसायन विज्ञान मार्गदर्शिका, लेखक: पूरी, कंचन., दिल्ली: परशुराम हिन्दी संस्थान, 2004
14.कृषकों में वैज्ञानिक कृषि विचारों का सम्प्रेषण, लेखक: पाण्डेय शीलस्वररुप. नई दिल्ली, अनामिका पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स (प्रा.) लिमिटेड, 2004
15.लोकोपयोगी विज्ञान विश्वकोश: आधुनिक विज्ञान के नये चरण,  लेखक: नरसिम्हाचारी, ग. तु., नई दिल्ली, अरुणोदय प्रकाशन, 2003
16.भूमंडलीकरण के भंवर मे भारत, लेखक: काबरा, कमल नयन., नई दिल्ली, प्रकाशन संस्थान, 2005
17.भारतीय नियति और अर्थव्यवस्था,  लेखक: वर्मा, सुभाष चन्द्र., दिल्ली: अकादमिक एक्सलेंस, 2006
18.इलेक्ट्रानिक मीडिया,  लेखक: आर्य, पी.के., नई दिल्ली, प्रतिभा प्रतिष्ठान, 2006
19.वैदिक-विज्ञान-परम्परा: दयनाथभिनन्दन,  लेखक: पाण्डेय, अजय कुमार; पाण्डेय, दिग्विजय नाथ; कुमार, प्रताप विजय, प्रतिभा प्रकाशन, 2005
20.पर्यावरण शास्त्र शब्दकोश, लेखक: नदाफ, एफ. एम; पावसकर, विविध आर; देसाई, प्रमदा, भोपा, इंटेलेक्चुअल बुक ब्युरो, 1900
21.सजीव-पर्यावरण प्रतिक्रिया शास्त्र शब्दकोश, लेखक: साळी, चेतन शंकर, भोपाल, इंटेलेक्च्युअल बुक ब्युरो,
22.सामाजिक शास्त्र शब्दकोश,  लेखक: साळी, चेतन शंकर, भोपाल: इंटेलेक्चुअल बुक ब्युरो, 1900
23.पुरातत्व शब्दकोश इंग्रेजी-मराठी,  लेखक: साळी, चेतन शंकर, भोपाल : इंटेलेक्च्युअल बुक ब्युरो, 1900
24.मानव वंश शास्त्र शब्दकोश इंग्रेजी-मराठी, लेखक: साळी, चेतन शंकर.प्रकाशक: भोपाल : इंटेलेक्चुअल बुक ब्युरो, 1900
25.व्यवस्थापन शास्त्र शब्दकोश इंग्रेजी-मराठी, लेखक: साळी, चेतन शंकर. भोपाल : इंटेलेक्चुअल बुक ब्योरो, 1900
26.बीजों का आधुनिक जीव विज्ञान अनुप्रायोगिक एवं मौलिक, लेखक: सिंह, ककरालिया, ब.ल. जयपुर, पोइंटर पब्लिशर्स, 2004
27.पादप रोग विज्ञान, लेखक: पाठक, अ. कु; गोदीका, शैलेश, जयपुर : आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2005
28.विश्व मीडिया बाजार: समाज, भाषा, ई-प्रौद्योगिकी, आतंक, लेखक: रत्तू, कृष्ण कुमार, जयपुर: नेशनल पब्लिशिंग हाऊस, 2006
29.वनौषधि निदर्शिका: आयुवैदिय फार्माकोपिया, लेखक:  सिंह, रामसुशील, लखनऊ: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 2002
30.अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अल्फा, लेखक: शंकर, काली प्रकाशक: नई दिल्ली, किताबघर प्रकाशन, 2006
31.अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय वैज्ञानिक, लेखक:  कमल, एम.पी. प्रकाशक: नई दिल्ली, कीर्तिमान प्रकशन, 2004
32.संगणक एवं सूचना प्रोध्यौगिकी, लेखक: कुमार, वी; अंसारी, ए.एस. प्रकाशक: जयपुर: आविष्कार पब्लिशर्स, 2005
33.पर्यावरण : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन, लेखक: रावत, ज्ञानेन्द्र. प्रकाशक: नई दिल्ली, यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, 2006
34.संगणक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, लेखक: कुमार, वी; अंसारी, ए.एस.,प्रकाशक: जयपुर: आविष्कार पब्लिशर्स, 2005
35.वनस्पति विज्ञान शिक्षण, लेखक: आर्या, नीरजा. प्रकाशक: नई दिल्ली, के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2007
36.सब्जियों की उत्पादन प्रौद्योगिकी, लेखक: अरोड़ा, एस. के; मंगल, जे. एल; भाटिया, ए. के; श्रीवास्तव, वी. के; यादव, पी. आर; सुहाग, एल. एस; मेहरा, राकेश प्रकाशक: जोधपुर : साईन्टिफ़िक पब्लिशर्स (इंडिया), 2002
37.जल संरक्षण तकनीक, लेखक:  खंडेला, मान चन्द, प्रकाशक: जयपुर, आविष्कार पब्लिशर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2007
38.प्रवर्धन का आधुनिक पादप विज्ञान अनुप्रायोगिक एवं मौलिक, लेखक: सिंह, करण; ककरालिया, बजरंग लाल, प्रकाशक: जयपुर: पोइन्टर पब्लिशर्स, 2004
39.भाषा प्रौद्योगिकी, लेखक: चौधरी, सुभा, प्रकाशक: दिल्ली: डी.पी.एस. पब्लिशिंग हाउस, 2008
40.आविष्कार का विचित्र संसार, लेखक: मल्होत्रा, निशा., प्रकाशक: दिल्ली: विनोद बूक सेंटर, 2008
41.पर्यावरण तथा प्रदूषण- पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण संरक्षण, लेखक: रघुवंशी, अरुण; रघुवंशी, चन्द्रलेखा, प्रकाशक: भोपाल, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, 2005
42.भारतीय शिक्षा का ज्ञानकोश (3 खंडों में) , लेखक: सुन्दर, प्रेम, प्रकाशक: नई दिल्ली, के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2009
43.बीजधारी पादपो की विविधता एवं वर्गिकी,  लेखक: शर्मा, निरंजन; त्रिवेदी, पी. सी; शर्मा, जमनालाल, प्रकाशक: जयपुर: रमेश बूक डिपो, 2007
44.थार रुक्षक्षेत्र के स्तनी, लेखक: प्रकाश, ईश्वर; प्रकाश, लक्ष्मी आई, प्रकाशक: जोधपुर, साइंटिफिक पब्लिशर्स, 1997
45.पर्यावरण अध्ययन- यू.जी.सी.यूनिफाइड कोर्स के अनुरुप, लेखक: अग्रवाल, अंजू; अग्रवाल, अनिल कुमार, प्रकाशक: लखनऊ इंटरनेशनल बुक डिस्ट्रीब्यूटिंग कं, 2008
46.शोध प्रविधि, लेखक: शर्मा, एन. के. प्रकाशक: नई दिल्ली, के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2009
47.विज्ञान नीति परिप्रेक्ष्य और प्रवृतियाँ,  लेखक: नारायणन्, के. पी. आर; अशरफ, अली, दिल्ली, स्वर्ण जयंती, 2002
48.विधि कोश, लेखक: दीप, समर, प्रकाशक: दिल्ली, आर. के. पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
49.प्रबंध कोश, लेखक: सिंह, संजय कुमार,प्रकाशक: दिल्ली : आर. के. पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
50.सूचना प्रौद्योगिकी कोश,  लेखक: नारायण, रजनीश. प्रकाशक: दिल्ली : आर.के. पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
51.पर्यावरण प्रौद्योगिकी, लेखक:  सिंह, महीप, प्रकाशक: दिल्ली : शिवांक प्रकाशन, 2008
52.सब्जी बीज उत्पादन की नवीनतम तकनीक, लेखक:  सिंह, डी. के; सिंह, दुर्वेश कुमार, प्रकाशक: लखनऊ: इंटरनेशनल बुक डिस्ट्रीब्यूटिंग कं., 2008
53.अंतराष्ट्रीय व्यापार कैसे करे: अवधारणा, नीतियां एवं प्रक्रिया, लेखक: वर्मा, संतोष कुमार, प्रकाशक: नई दिल्ली,,: शिवांक प्रकाशन, 2009
54.जलचर कोश, लेखक:  शुक्ला, पी, प्रकाशक: जयपुर : आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2010
55.नई सहस्त्राब्दी का पर्यावरण, लेखक: यादव, वीरेन्द्र सिंह, भाग-1,2 प्रकाशक: दिल्ली : ओमेगा पब्लिकेशन्स, 2010
56.पोषण एवं पोषण स्तर, लेखक: कानगो, मंगला,  प्रकाशक: जयपुर: रिसर्च पब्लिकेशन्स, 2008
57.जैव मण्डल, लेखक: कुमार, अरविंद, प्रकाशक: नई दिल्ली, युनिवर्सिटी पब्लिकेशन, 2009
58.सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनमाध्यम, लेखक: चतुर्वेदी, निहारिका, प्रकाशक: दिल्ली: शिवांक प्रकाशन, 2011
59.जलग्रहण एवं पर्यावरण संरक्षण, लेखक: कलवार, सुगन चंद; कलवार, सीमा, प्रकाशक: जयपुर, आविष्कार पब्लिशर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2010
60.स्वतंत्रतापूर्व भारत में जल विद्युत उर्जा का विकास,  लेखक: सिंह, महीपाल, प्रकाशक: नई दिल्ली,, : सूर्यप्रभा प्रकाशन, 2007
61.विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार, लेखक: पटैरिया, मनोज, प्रकाशक: दिल्ली, प्रभात प्रकाशन, 2010
62.विज्ञान प्रश्नोत्तरी, लेखक: भाटिया, सुदर्शन, प्रकाशक: दिल्ली: राही प्रकाशन, 2011
63.पर्यावरण अध्ययन: यू. जी. सी. व्दारा निर्धारित नये पाठ्यक्रमानुसार, लेखक: छिल्लर, सुशील कुमार; छिल्लर, मंजुलता, प्रकाशक: मेरठ, राहुल पब्लिशिंग हाऊस, 2011
64.वर्मी कल्चर एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका, लेखक: गुप्ता, मुकेश, प्रकाशक: जयपुर : ए बी डी पब्लिशर्स, 2002
65.साझा वन प्रबन्ध, लेखक: शर्मा, राकेश कुमा, प्रकाशक: जयपुर : आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2002
66.प्रवर्धन का आधुनिक पादप विज्ञान : अनुप्रायोगिक एवं मौलिक, लेखक: सिंह, करण; ककरालिया, बजरंग लाल, प्रकाशक: जयपुर, पोइन्टर पब्लिशर्स, 2004
67.मीठा जल झींगा पालन: मैक्रोब्रैकियम रोजनबर्गी पालन की एक नियमावली, लेखक: माइकल, बी. न्यू; सिन्होलका, सोमशोक, प्रकाशक: दिल्ली : दया पब्लिशिंग हाऊस, 1996
68. पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र, लेखक: सिन्हा, मेघा, प्रकाशक: नई दिल्ली, : वंदना पब्लिकेशन्स, 2007
69.पर्यावरण शिक्षा, लेखक: गुप्ता, यू. सी, प्रकाशक: नई दिल्ली,, : के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
70.भारतीय संस्कृति की पर्यावरण स्वास्थ्य एवं आधुनिक प्रबंधन में भूमिका: अन्तरद्दष्टि एवं समकालीन प्रासंगिकता, लेखक: मित्तल, कृष्ण मोहन; सिंह, राजबीर, प्रकाशक: नई दिल्ली, हिन्दी बुक सेन्टर, 2002
71.मध्य हिमालयी समाज, संस्कृति एवं पर्यावरण,  लेखक: बिष्ट, शेर सिंह, प्रकाशक: दिल्ली, इण्डियन पब्लिशर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2003
72.जल प्रदूषण, लेखक: जैन, अंजली,  प्रकाशक: दिल्ली : के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2005
73.जल प्रदूषण, लेखक: जैन, अंजली, प्रकाशक: दिल्ली : के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2005
74.1000 पर्यावरण प्रश्नोत्तरी, लेखक: सालवी, दिलीप एम,  प्रकाशक: दिल्ली : सत्साहित्य प्रकाशन, 2003
75.भारत में विज्ञान और भारतीय वैज्ञानिक, लेखक: प्रसाद, लक्ष्मण; मिश्र, विनोद कुमार,  प्रकाशक: नई दिल्ली, कल्याणी शिक्षा परिषद, 2003
76.विश्व व्यापार संगठन एवं कृषि अर्थव्यवस्था, लेखक: यादव, सुबह सिंह; यादव, हेमा, प्रकाशक: जयपुर, सबलाईम पब्लिकेशन्स, 2003
77.विश्व व्यापार संगठन एवं कृषि अर्थव्यवस्था,  लेखक: यादव, सुबह सिंह; यादव, हेमा, प्रकाशक: जयपुर: सबलाईम पब्लिकेशन्स, 2003
78.विश्व व्यापार संगठन एवं कृषि अर्थव्यवस्था,  लेखक: यादव, सुबह सिंह; यादव, हेमा, प्रकाशक: जयपुर, सबलाईम पब्लिकेशन्स, 2003
79.हिन्दी विश्वकोश: (भाग-11 द्वादशमासकर्मन-निछदावोल), लेखक: वसु, नगेन्द्रनाथ, प्रकाशक: दिल्ली, बी.आर. पब्लिशिंग कॉर्पोरेशन, 2003
80.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: फंडामैंट्ल ऑफ कम्प्यूटर भाग-1,  लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली,, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
81.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2007 भाग-2,  लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
82.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: विजुअल बेसिक.नेट भाग-3, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
83.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: ऑपरेटिग सिस्टम भाग-4, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
84.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: टैली 9 भाग-5 लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली,, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस,2011
85.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: C-प्रौग्रामिंग भाग-6 लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
86.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौधोगिकी भाग-7, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
87.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: डीटीपी कोर्स भाग-8, लेखक: पारीक सीमा,प्रकाशक: नई दिल्ली,, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
88.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: इंटरनेट वेब डिजाईन भाग-9, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
89.कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: जावा प्रोग्रामिंग कोर्स भाग-10,लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
90.लोहित के मानसपुत्र: शंकरदेव, लेखक: सांगानेरिया, सांवरमल, प्रकाशक: गुवाहाटी हेरिटेज फ़ाउण्डेडेशन 2011
91.भारतीय मीडिया और जनसंचार, लेखक: तिवारी, परिभाषा,  प्रकाशक: दिल्ली मिश्रा पब्लिशर एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स 2010
92.विकास संचार (आलोचनात्मक परिपेक्ष्य में),  लेखक: सिंह, धर्मेन्द्र, प्रकाशक: नई दिल्ली, नेहा पब्लिशर्स अँड डीस्ट्रीब्यूटर्स 2013

वैज्ञानि‍क तथा तकनीकी शब्‍दावली आयोग द्वारा प्रकाशि‍त वैज्ञानि‍क एवं तकनीकी वि‍षयों की शब्‍दावलि‍यॉं और कोश


  1. समेकित प्रशासन–शब्दावली
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  27. भारतीय दर्शन परिभाषा कोश
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  40. बृहत् पारिभाषिक शब्द - संग्रह: आयुर्विज्ञान, कृषि एवं इंजीनियरी
  41. कंप्यूटर विज्ञान शब्दावली
  42. बृहत् पारिभाषिक शब्द - संग्रह विज्ञान
  43. बृहत् पारिभाषिक शब्द - संग्रह विज्ञान
  44. र्थशास्त्र परिभाषा कोश
हिंदी मे उपलब्‍ध वि‍ज्ञान की पुस्‍तकें (भाग-3)
  1. क्लोरीनीकरण एवं क्लोरीनेटर्स के उपयोग, लेखक: पटवर्धन, . ., इंदौर: इंडियन वॉटर वर्क्स एसोशिएशन, 1989
  2. फैरोसीमेंट भंडारण पात्र (पेयजल, बीज, खाद्यात्र, तिलहन, दलहन इत्यादि भंडारण के लिए) लेखक: शर्मा, प्रेमचंद, गाजियाबाद स्त्र्क्च्रल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर, 1990
  3. अखिल भारतीय संगोष्ठी, यांत्रिकीय विकास कार्यो का पर्यावरण पर प्रभाव, लेखक: दि इन्स्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया), भोपाल, 1991
  4. विज्ञान जन जन के लिए, 17, 18 सितम्बर 1992 को क्षेत्रीय अनुसंधान प्रयोगशाला, भुवनेश्वर में आयोजित संगोष्ठी, लेखक: राजीव, भुवनेश्वर: राजभाषा कार्यान्वयन समिति, 1992
  5. पर्यावरण एवं वन विकास, लेखक: मिश्रा, एस. पी. जयपुर: आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2001
  6. पर्यावरण शिक्षा, लेखक: पाण्डेय, बी. बी., नई दिल्ली,,, डॉमिनेन्ट पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 1999
  7. विषैली वनस्पतियां, लेखक: आयुर्वेदालंकार, कृष्णकुमार, नई दिल्ली, श्री सरस्वती सदन, 2003
  8. विश्व आयुर्विज्ञान का इतिहास, लेखक: मेहता, भानुशंकर., नई दिल्ली, विश्वभारती पब्लिकेशन्स, 2004
  9. कुमाऊँ हिमालय का लोक वानस्पतिविज्ञान, लेखक: पाण्डे, पी. सी; पोखरिया, डी. एस; भट्ट, जे. सी. जोधपुर: साइंटिफिक पब्लिशर्स, 1999
  10. जैव उर्वरक, लेखक: उत्पादन मार्गदर्शिका, लेखक: गहलोत, दुष्यन्त, जोधपुर, एग्रो बायोस, 2002
  11. समाज, पर्यावरण और अभियांत्रिकी, लेखक: गुप्ता, अरविन्द, नई दिल्ली, राजकमल प्रकाशन, 1999
  12. जैव प्रौद्योगिकी का संसार, लेखक: ओझा, डी. डी., नई दिल्ली, विद्या विहार, 2003
  13. रसायन विज्ञान मार्गदर्शिका, लेखक: पूरी, कंचन., दिल्ली: परशुराम हिन्दी संस्थान, 2004
  14. कृषकों में वैज्ञानिक कृषि विचारों का सम्प्रेषण, लेखक: पाण्डेय शीलस्वररुप. नई दिल्ली, अनामिका पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स (प्रा.) लिमिटेड, 2004
  15. लोकोपयोगी विज्ञान विश्वकोश: आधुनिक विज्ञान के नये चरण, लेखक: नरसिम्हाचारी, . तु., नई दिल्ली, अरुणोदय प्रकाशन, 2003
  16. भूमंडलीकरण के भंवर मे भारत, लेखक: काबरा, कमल नयन., नई दिल्ली, प्रकाशन संस्थान, 2005
  17. भारतीय नियति और अर्थव्यवस्था, लेखक: वर्मा, सुभाष चन्द्र., दिल्ली: अकादमिक एक्सलेंस, 2006
  18. इलेक्ट्रानिक मीडिया, लेखक: आर्य, पी.के., नई दिल्ली, प्रतिभा प्रतिष्ठान, 2006
  19. वैदिक-विज्ञान-परम्परा: दयनाथभिनन्दन, लेखक: पाण्डेय, अजय कुमार; पाण्डेय, दिग्विजय नाथ; कुमार, प्रताप विजय, प्रतिभा प्रकाशन, 2005
  20. पर्यावरण शास्त्र शब्दकोश, लेखक: नदाफ, एफ. एम; पावसकर, विविध आर; देसाई, प्रमदा, भोपा, इंटेलेक्चुअल बुक ब्युरो, 1900
  21. सजीव-पर्यावरण प्रतिक्रिया शास्त्र शब्दकोश, लेखक: साळी, चेतन शंकर, भोपाल, इंटेलेक्च्युअल बुक ब्युरो,
  22. सामाजिक शास्त्र शब्दकोश, लेखक: साळी, चेतन शंकर, भोपाल: इंटेलेक्चुअल बुक ब्युरो, 1900
  23. पुरातत्व शब्दकोश इंग्रेजी-मराठी, लेखक: साळी, चेतन शंकर, भोपाल : इंटेलेक्च्युअल बुक ब्युरो, 1900
  24. मानव वंश शास्त्र शब्दकोश इंग्रेजी-मराठी, लेखक: साळी, चेतन शंकर.प्रकाशक: भोपाल : इंटेलेक्चुअल बुक ब्युरो, 1900
  25. व्यवस्थापन शास्त्र शब्दकोश इंग्रेजी-मराठी, लेखक: साळी, चेतन शंकर. भोपाल : इंटेलेक्चुअल बुक ब्योरो, 1900
  26. बीजों का आधुनिक जीव विज्ञान अनुप्रायोगिक एवं मौलिक, लेखक: सिंह, ककरालिया, .. जयपुर, पोइंटर पब्लिशर्स, 2004
  27. पादप रोग विज्ञान, लेखक: पाठक, . कु; गोदीका, शैलेश, जयपुर : आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2005
  28. विश्व मीडिया बाजार: समाज, भाषा, -प्रौद्योगिकी, आतंक, लेखक: रत्तू, कृष्ण कुमार, जयपुर: नेशनल पब्लिशिंग हाऊस, 2006
  29. वनौषधि निदर्शिका: आयुवैदिय फार्माकोपिया, लेखक: सिंह, रामसुशील, लखनऊ: उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, 2002
  30. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अल्फा, लेखक: शंकर, काली प्रकाशक: नई दिल्ली, किताबघर प्रकाशन, 2006
  31. अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भारतीय वैज्ञानिक, लेखक: कमल, एम.पी. प्रकाशक: नई दिल्ली, कीर्तिमान प्रकशन, 2004
  32. संगणक एवं सूचना प्रोध्यौगिकी, लेखक: कुमार, वी; अंसारी, .एस. प्रकाशक: जयपुर: आविष्कार पब्लिशर्स, 2005
  33. पर्यावरण : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन, लेखक: रावत, ज्ञानेन्द्र. प्रकाशक: नई दिल्ली, यूनिवर्सिटी पब्लिकेशन, 2006
  34. संगणक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, लेखक: कुमार, वी; अंसारी, .एस.,प्रकाशक: जयपुर: आविष्कार पब्लिशर्स, 2005
  35. वनस्पति विज्ञान शिक्षण, लेखक: आर्या, नीरजा. प्रकाशक: नई दिल्ली, के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2007
  36. सब्जियों की उत्पादन प्रौद्योगिकी, लेखक: अरोड़ा, एस. के; मंगल, जे. एल; भाटिया, . के; श्रीवास्तव, वी. के; यादव, पी. आर; सुहाग, एल. एस; मेहरा, राकेश प्रकाशक: जोधपुर : साईन्टिफ़िक पब्लिशर्स (इंडिया), 2002
  37. जल संरक्षण तकनीक, लेखक: खंडेला, मान चन्द, प्रकाशक: जयपुर, आविष्कार पब्लिशर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2007
  38. प्रवर्धन का आधुनिक पादप विज्ञान अनुप्रायोगिक एवं मौलिक, लेखक: सिंह, करण; ककरालिया, बजरंग लाल, प्रकाशक: जयपुर: पोइन्टर पब्लिशर्स, 2004
  39. भाषा प्रौद्योगिकी, लेखक: चौधरी, सुभा, प्रकाशक: दिल्ली: डी.पी.एस. पब्लिशिंग हाउस, 2008
  40. आविष्कार का विचित्र संसार, लेखक: मल्होत्रा, निशा., प्रकाशक: दिल्ली: विनोद बूक सेंटर, 2008
  41. पर्यावरण तथा प्रदूषण- पारिस्थितिकी एवं पर्यावरण संरक्षण, लेखक: रघुवंशी, अरुण; रघुवंशी, चन्द्रलेखा, प्रकाशक: भोपाल, मध्यप्रदेश हिन्दी ग्रन्थ अकादमी, 2005
  42. भारतीय शिक्षा का ज्ञानकोश (3 खंडों में) , लेखक: सुन्दर, प्रेम, प्रकाशक: नई दिल्ली, के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2009
  43. बीजधारी पादपो की विविधता एवं वर्गिकी, लेखक: शर्मा, निरंजन; त्रिवेदी, पी. सी; शर्मा, जमनालाल, प्रकाशक: जयपुर: रमेश बूक डिपो, 2007
  44. थार रुक्षक्षेत्र के स्तनी, लेखक: प्रकाश, ईश्वर; प्रकाश, लक्ष्मी आई, प्रकाशक: जोधपुर, साइंटिफिक पब्लिशर्स, 1997
  45. पर्यावरण अध्ययन- यू.जी.सी.यूनिफाइड कोर्स के अनुरुप, लेखक: अग्रवाल, अंजू; अग्रवाल, अनिल कुमार, प्रकाशक: लखनऊ इंटरनेशनल बुक डिस्ट्रीब्यूटिंग कं, 2008
  46. शोध प्रविधि, लेखक: शर्मा, एन. के. प्रकाशक: नई दिल्ली, के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2009
  47. विज्ञान नीति परिप्रेक्ष्य और प्रवृतियाँ, लेखक: नारायणन्, के. पी. आर; अशरफ, अली, दिल्ली, स्वर्ण जयंती, 2002
  48. विधि कोश, लेखक: दीप, समर, प्रकाशक: दिल्ली, आर. के. पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
  49. प्रबंध कोश, लेखक: सिंह, संजय कुमार,प्रकाशक: दिल्ली : आर. के. पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
  50. सूचना प्रौद्योगिकी कोश, लेखक: नारायण, रजनीश. प्रकाशक: दिल्ली : आर.के. पब्लिशर्स एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
  51. पर्यावरण प्रौद्योगिकी, लेखक: सिंह, महीप, प्रकाशक: दिल्ली : शिवांक प्रकाशन, 2008
  52. सब्जी बीज उत्पादन की नवीनतम तकनीक, लेखक: सिंह, डी. के; सिंह, दुर्वेश कुमार, प्रकाशक: लखनऊ: इंटरनेशनल बुक डिस्ट्रीब्यूटिंग कं., 2008
  53. अंतराष्ट्रीय व्यापार कैसे करे: अवधारणा, नीतियां एवं प्रक्रिया, लेखक: वर्मा, संतोष कुमार, प्रकाशक: नई दिल्ली,,: शिवांक प्रकाशन, 2009
  54. जलचर कोश, लेखक: शुक्ला, पी, प्रकाशक: जयपुर : आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2010
  55. नई सहस्त्राब्दी का पर्यावरण, लेखक: यादव, वीरेन्द्र सिंह, भाग-1,2 प्रकाशक: दिल्ली : ओमेगा पब्लिकेशन्स, 2010
  56. पोषण एवं पोषण स्तर, लेखक: कानगो, मंगला, प्रकाशक: जयपुर: रिसर्च पब्लिकेशन्स, 2008
  57. जैव मण्डल, लेखक: कुमार, अरविंद, प्रकाशक: नई दिल्ली, युनिवर्सिटी पब्लिकेशन, 2009
  58. सूचना प्रौद्योगिकी एवं जनमाध्यम, लेखक: चतुर्वेदी, निहारिका, प्रकाशक: दिल्ली: शिवांक प्रकाशन, 2011
  59. जलग्रहण एवं पर्यावरण संरक्षण, लेखक: कलवार, सुगन चंद; कलवार, सीमा, प्रकाशक: जयपुर, आविष्कार पब्लिशर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2010
  60. स्वतंत्रतापूर्व भारत में जल विद्युत उर्जा का विकास, लेखक: सिंह, महीपाल, प्रकाशक: नई दिल्ली,, : सूर्यप्रभा प्रकाशन, 2007
  61. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार, लेखक: पटैरिया, मनोज, प्रकाशक: दिल्ली, प्रभात प्रकाशन, 2010
  62. विज्ञान प्रश्नोत्तरी, लेखक: भाटिया, सुदर्शन, प्रकाशक: दिल्ली: राही प्रकाशन, 2011
  63. पर्यावरण अध्ययन: यू. जी. सी. व्दारा निर्धारित नये पाठ्यक्रमानुसार, लेखक: छिल्लर, सुशील कुमार; छिल्लर, मंजुलता, प्रकाशक: मेरठ, राहुल पब्लिशिंग हाऊस, 2011
  64. वर्मी कल्चर एक सम्पूर्ण मार्गदर्शिका, लेखक: गुप्ता, मुकेश, प्रकाशक: जयपुर : ए बी डी पब्लिशर्स, 2002
  65. साझा वन प्रबन्ध, लेखक: शर्मा, राकेश कुमा, प्रकाशक: जयपुर : आविष्कार पब्लिशर्स, डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2002
  66. प्रवर्धन का आधुनिक पादप विज्ञान : अनुप्रायोगिक एवं मौलिक, लेखक: सिंह, करण; ककरालिया, बजरंग लाल, प्रकाशक: जयपुर, पोइन्टर पब्लिशर्स, 2004
  67. मीठा जल झींगा पालन: मैक्रोब्रैकियम रोजनबर्गी पालन की एक नियमावली, लेखक: माइकल, बी. न्यू; सिन्होलका, सोमशोक, प्रकाशक: दिल्ली : दया पब्लिशिंग हाऊस, 1996
  68. पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र, लेखक: सिन्हा, मेघा, प्रकाशक: नई दिल्ली, : वंदना पब्लिकेशन्स, 2007
  69. पर्यावरण शिक्षा, लेखक: गुप्ता, यू. सी, प्रकाशक: नई दिल्ली,, : के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2008
  70. भारतीय संस्कृति की पर्यावरण स्वास्थ्य एवं आधुनिक प्रबंधन में भूमिका: अन्तरद्दष्टि एवं समकालीन प्रासंगिकता, लेखक: मित्तल, कृष्ण मोहन; सिंह, राजबीर, प्रकाशक: नई दिल्ली, हिन्दी बुक सेन्टर, 2002
  71. मध्य हिमालयी समाज, संस्कृति एवं पर्यावरण, लेखक: बिष्ट, शेर सिंह, प्रकाशक: दिल्ली, इण्डियन पब्लिशर्स डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2003
  72. जल प्रदूषण, लेखक: जैन, अंजली, प्रकाशक: दिल्ली : के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2005
  73. जल प्रदूषण, लेखक: जैन, अंजली, प्रकाशक: दिल्ली : के.एस.के. पब्लिशर्स एवं डिस्ट्रीब्यूटर्स, 2005
  74. 1000 पर्यावरण प्रश्नोत्तरी, लेखक: सालवी, दिलीप एम, प्रकाशक: दिल्ली : सत्साहित्य प्रकाशन, 2003
  75. भारत में विज्ञान और भारतीय वैज्ञानिक, लेखक: प्रसाद, लक्ष्मण; मिश्र, विनोद कुमार, प्रकाशक: नई दिल्ली, कल्याणी शिक्षा परिषद, 2003
  76. विश्व व्यापार संगठन एवं कृषि अर्थव्यवस्था, लेखक: यादव, सुबह सिंह; यादव, हेमा, प्रकाशक: जयपुर, सबलाईम पब्लिकेशन्स, 2003
  77. विश्व व्यापार संगठन एवं कृषि अर्थव्यवस्था, लेखक: यादव, सुबह सिंह; यादव, हेमा, प्रकाशक: जयपुर: सबलाईम पब्लिकेशन्स, 2003
  78. विश्व व्यापार संगठन एवं कृषि अर्थव्यवस्था, लेखक: यादव, सुबह सिंह; यादव, हेमा, प्रकाशक: जयपुर, सबलाईम पब्लिकेशन्स, 2003
  79. हिन्दी विश्वकोश: (भाग-11 द्वादशमासकर्मन-निछदावोल), लेखक: वसु, नगेन्द्रनाथ, प्रकाशक: दिल्ली, बी.आर. पब्लिशिंग कॉर्पोरेशन, 2003
  80. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: फंडामैंट्ल ऑफ कम्प्यूटर भाग-1, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली,, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  81. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस 2007 भाग-2, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  82. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: विजुअल बेसिक.नेट भाग-3, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  83. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: ऑपरेटिग सिस्टम भाग-4, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  84. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: टैली 9 भाग-5 लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली,, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस,2011
  85. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: C-प्रौग्रामिंग भाग-6 लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  86. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: कम्प्यूटर एवं सूचना प्रौधोगिकी भाग-7, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली,,, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  87. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: डीटीपी कोर्स भाग-8, लेखक: पारीक सीमा,प्रकाशक: नई दिल्ली,, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  88. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: इंटरनेट वेब डिजाईन भाग-9, लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  89. कम्प्यूटर विज्ञान विश्वकोश: जावा प्रोग्रामिंग कोर्स भाग-10,लेखक: पारीक सीमा, प्रकाशक: नई दिल्ली, अर्जुन पब्लिशिंग हाऊस 2011
  90. लोहित के मानसपुत्र : शंकरदेव, लेखक: सांगानेरिया, सांवरमल, प्रकाशक: गुवाहाटी हेरिटेज फ़ाउण्डेडेशन 2011
  91. भारतीय मीडिया और जनसंचार, लेखक: तिवारी, परिभाषा, प्रकाशक: दिल्ली मिश्रा पब्लिशर एण्ड डिस्ट्रीब्यूटर्स 2010
  92. विकास संचार (आलोचनात्मक परिपेक्ष्य में), लेखक: सिंह, धर्मेन्द्र, प्रकाशक: नई दिल्ली, नेहा पब्लिशर्स अँड डीस्ट्रीब्यूटर्स 2013